July 23, 2020

Mahendra Singh Dhoni Biography in Hindi

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महेन्द्र सिंह धोनी देश एक जाना माना नाम है। देश का बच्चा बच्चा व् दुनिया का हर क्रिकेट प्रेमी इस नाम से भली भांति परिचित है। धोनी भारतीय क्रिकेटर व् इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके है। धोनी सीधे हाथ के बल्लेबाज व् एक बहुत अच्छे विकेटकीपर भी है। सिमित ओवर होने पर कैसे गेम को फिनिश किया जाता है, ये इन्हें बहुत अच्छे से आता था, इसलिए धोनी को ग्रेट फिनिशर कहा जाता है।
भारतीय टीम के साथ धोनी ने पहला मैच 2004 में


बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। धोनी ने जब से कप्तानी संभाली है, तब से उन्होंने बहुत से ODI (One Day International) व् टेस्ट मैच जीत कर अनेकों रिकॉर्ड अपने नाम किये है।
एक के बाद एक जीत से उनकी कप्तानी ने दुनिया में नया रिकॉर्ड बना दिया, जिससे भारतीय क्रिकेट का नाम काफी ऊँचा उठ गया।   





महेंद्र सिंह धोनी जीवनी और रिकार्ड्स

धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को बिहार के रांची में हुआ था। वे एक राजपूत परिवार से है। इनका परिवार मुख्यतः उत्तराखंड का है, लेकिन उनके पिता का ट्रान्सफर होने के बाद वे रांची में जा बसे। धोनी के एक भाई नरेन्द्र सिंह धोनी है व एक बहन जयंती गुप्ता जिनकी शादी हो चुकी है।
धोनी अपना आदर्श एडम गिलक्रिस्ट को मानते है, लेकिन बचपन में उनके आदर्श उनके साथी कलाकार सचिन तेंदुलकर, बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन व् सुरों की सम्राज्ञी लता मंगेशकर रही है। धोनी ने अपनी पढाई DAV जवाहर विद्या मंदिर रांची, बिहार (जो अब झारखंड है) से की थी।

धोनी को बचपन में बैडमिंटन व फुटबॉल खेलने का बहुत शौक था, इन खेलों के लिए एक क्लब में उनका चयन भी हुआ था। यहाँ तक कि वे इन खेल को जिला स्तरीय लेवल पर भी खेल चुके है। धोनी अपनी फुटबॉल टीम में गोलकीपर हुआ करते थे। एक बार उनके कोच ने उन्हें वहां के लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने की भेजा था, तब धोनी क्रिकेट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते थे। लेकिन गोलकीपर होने की वजह से क्रिकेट की पिच में भी उन्हें विकेटकीपर बनाया गया, जहाँ अपने खेल से उन्होंने सबको अचंभित कर दिया। अच्छी परफॉरमेंस के बाद धोनी को 1995-98 में कमांडो क्रिकेट क्लब में रेगुलर विकेटकीपर बना लिया गया। इसके बाद उन्होंने अंडर 16 वाला मैच भी खेला, जिसमें उन्होंने अच्छी परफॉरमेंस दी। धोनी ने क्रिकेट में अपना पूरा ध्यान दसवी के बाद दिया।

M.S. धोनी की शादी

धोनी ने 4 जुलाई 2010 को अपनी स्कूल की दोस्त साक्षी रावत से शादी कर ली। शादी के समय साक्षी होटल मैनेजमेंट कर रही थी, साथ ही ताज बंगाल, कोलकत्ता में ट्रेनी थी। साक्षी के पिता की मौत के बाद उनका परिवार उनके पैत्रक गाँव देहरादून शिफ्ट हो गया था।
साक्षी के साथ धोनी DAV जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली में पढ़ा करते थे। 6 फ़रवरी 2015 को साक्षी व् धोनी की बेटी जीवा का जन्म हुआ।

M.S. धोनी का शुरुवात जीवन

पढाई पूरी करने के बाद 20 साल की उम्र से 2001 में धोनी खड़कपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेन टिकट एग्जामिनर (TTE) के रूप में काम करने लगे। उनके साथ काम करने वाले बताते है कि वे बहुत ईमानदार, कर्मशील कर्मचारी थे। लेकिन इन सब से अलग उनके अंदर एक शरारती बच्चा भी था। धोनी और उनके साथ काम करने वाले दोस्त रेलवे क्वार्टर में रहा करते थे, वहां वे लोग मस्ती में रात को सबको भूत बनकर डराया करते थे।

क्रिकेटर M.S. धोनी के करियर की शुरुवात

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1998 में धोनी बिहार की अंडर 16 जूनियर क्रिकेट टीम के लिए खेला करते थे। 1999-2000 में धोनी ने 18 साल के होने के बाद बिहार की रणजी ट्रोफी के द्वारा अपना डेब्यू किया। सन 2004 में धोनी को इंडियन टीम के साथ खेलने का मौका मिला। इस समय टीम में विकेटकीपर के रूप में राहुल द्रविड़ विराजमान थे, उनकी बैटिंग के भी सभी दीवाने थे। नए विकेटकीपर के रूप में जूनियर रैंक के टैलेंट पार्थिव पटेल व् दिनेश कार्तिक का नाम सामने आ रहा था। ऐसे समय में धोनी का टीम में होना किसी चमत्कार से कम नहीं था। उन्हें अपने जीवन का पहला ODI मैच सन 2004-05 में बांग्लादेश के खिलाफ खेलने का मौका मिला। लेकिन धोनी के लिए ये शुरुवात अच्छी नहीं रही, मैच की पहली ही बॉल में वे रन आउट हो गए। नए खिलाडी के लिए ये शुरुवात किसी भयानक सपने से कम नहीं होती। धोनी ने इसके बाद तीन और मैच खेले, लेकिन इस समय भी किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।
इसके बाद धोनी का चुनाव पाकिस्तान ODI सीरीज में हुआ। यहाँ अपने करियर के पांचवें मैच में धोनी ने पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में 123 बोलों में 148 रन की धुआधार पारी खेली। उन्होंने 15 चोकें व् 4 छक्के लगाये। यहाँ उनको अपने जीवन का पहला मैन ऑफ़ दी मैच अवार्ड मिला। धोनी की इस पारी ने पहले के विकेटकीपर द्वारा बनाये गए रनों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहाँ धोनी ने साबित कर दिया कि वे सिर्फ एक अच्छे विकेटकीपर ही नहीं अच्छे बैट्समैन भी है।
भारतीय क्रिकेट टीम में बहुत समय बाद इतना अच्छा विकेटकीपर आया था। इसी साल 31 अक्टूबर को धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन बनाकर अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया, तब क्रिकेट जगत में किसी भी विकेटकीपर ने इतने रनों की पारी नहीं खेली थी। धोनी के ही आदर्श एडम गिलक्रिस्ट का 172 रन का रिकॉर्ड था।
श्रीलंका के खिलाफ उनकी परफॉरमेंस के बाद धोनी को टेस्ट सीरीज में खेलने का मौका मिला। दिनेश कार्तिक को हटा कर धोनी को विकेटकीपर बना दिया गया।

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी

सन 2007 में जब आईसीसी वर्ल्ड कप 20-20 की शुरुवात हुई, तब इंडियन टीम को खेलने जाने से पहले कप्तान की आवश्कता थी। साउथ अफ्रीका में हुई इस सीरीज का फाइनल मुकाबला पाकिस्तान व् भारत का था। जिसमें भारत ने बखूबी जीत हासिल की, ये महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहली जीत थी। इस जीत से प्रभावित होकर धोनी को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली ओडीआई सीरीज का कप्तान बना दिया गया, इस समय टीम की कप्तानी राहुल द्रविड़ के हाथों में थी। इसके बाद आई टेस्ट सीरीज की बारी, 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में अनिल कुम्ले कप्तान थे, व धोनी उपकप्तान थे। सीरीज के तीसरे मैच के दौरान अनिल को चोट लग गई, जिससे वो आगे खेल नहीं पाए, जिसके बाद धोनी को कप्तान बना दिया गया। इस घटना के बाद अनिल कुंबले ने क्रिकेट से सन्यास की घोषणा कर दी, जिसके बाद धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम में टेस्ट सीरीज मैच का परमानेंट कप्तान बना दिया गया।
धोनी की कप्तानी के दौरान भारतीय टीम को टेस्ट मैचों के लिए आईसीसी की तरफ से 2009 में नंबर वन रैंकिंग दी गई।

वर्ल्ड कप 2011

2011 में हुए आईसीसी वर्ल्ड कप में धोनी ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि वे कितने अच्छे खिलाड़ी और कप्तान है। उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ हुए फाइनल मैच में 79 बॉल में 91 रन बनाकर इंडियन टीम को विजयी बना दिया और इसी के साथ उन्हें मैन ऑफ़ दी मैच अवार्ड से नवाजा गया।
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर में पहली बार वर्ल्ड कप जीत का स्वाद चखा था, जिसकी ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। सचिन ने इस जीत के बाद धोनी की कप्तानी को बहुत सहारा और कहा था कि वे सबसे बेस्ट कप्तान है, जिनके अंदर रहकर उन्होंने खेला है। सचिन ने ये भी कहा था कि ये धोनी ही की मेहनत है, जो सारे खिलाडीयों को एक साथ खेलने व अनुशासित रखती है। 2013 में धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम का बेस्ट टेस्ट कप्तान कहा गया।
सौरभ गागुंली ने अपनी कप्तानी में 49 मैच में से 21 मैच जीते थे, जिससे धोनी आगे निकल चुके है। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया 2015 का वर्ल्ड कप भी खेली है, जिसमें वो सेमीफाइनल से बाहर हो गई थी। इस सीरीज में टीम लगातार 7 मैच जीती थी।

धोनी की कप्तानी में मिली जीत

  •  2007 आईसीसी वर्ल्ड कप 20-20
  •  2007-08 CB सीरीज
  •  2010 एशिया कप
  •  2011 आईसीसी वर्ल्ड कप
  •  2013 आईसीसी चैम्पियन ट्रोफी

आईपीएल (IPL)


आईपीएल के पहले सीजन में धोनी सबसे महंगे ख़िलाड़ी रहे, उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स टीम ने ख़रीदा था। कुछ समय बाद धोनी खुद इस टीम के मालिक बन गए। इनकी कप्तानी में टीम ने 2 आईपीएल मैच में जीत हासिल की।
अवार्ड्स (Awards)
• 2007-08 में धोनी को राजीव गाँधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था।
• 2009 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
• 2011 में मोनफोर्ट युनिवेर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि दी गई।

एम एस धोनी – दी अनटोल्ड स्टोरी फिल्म

धोनी क्रिकेट जगत के महानायक है, जिन्होंने अपनी मेहनत, काम से पूरी दुनिया में लोहा मनवाया है। इस महान हस्ती के जीवन पर बॉलीवुड की भी नज़र गई, डायरेक्टर नीरज पाण्डेय इनके जीवन पर फिल्म बनाई है।
इतनी छोटी सी उम्र में इतना बड़ा सम्मान, कोई छोटी बात नहीं है। फिल्म को प्रोडूस अरुण पाण्डेय ने किया है। फिल्म की कहानी पूरी तरह से धोनी के जीवन पर है।
फिल्म में धोनी के जीवन से जुड़े हुए उनके साथी खिलाड़ी भी दिखाई दिए है।

महेंद्र सिंह धोनी एक अच्छे क्रिकेटर होने के साथ साथ अच्छे इन्सान भी है। वे आये दिन अपनी चुलबुली बातों से मीडिया के बीच छाए रहते है
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